पति की मौत के बाद बड़े बेटे की भी डूबने से हो गयी मौत
भीम दुबे/पुर्वांचल प्रेस बांसगांव। एक साल पहले बीमारी से हुई पति की मौत के सदमें से पत्नी अभी उबर भी नहीं पाई थी कि वृहस्पतिवार को बरसाती नाले में 16 वर्षीय पुत्र की डूबकर हुई मौत से विधवा पर मानो बिपत्ती का पहाड़ टूट पड़ा। बेसहारा विधवा विंध्यवासिनी को शासन और प्रशासन से आर्थिक मदद की दरकार है।
मालूम हो कि वृहस्पतिवार को बांसगांव थाना क्षेत्र के कुचैटा गांव के समीप बाढ़ के पानी से ऊफान पर बह रहे करमहिया नाले में नहाते समय गांव के ही 11 वीं के छात्र 16 वर्षीय प्रिंस मौर्य की डूबकर मौत हो गयी। प्रिंस की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। मां विंध्यवासिनी की चीत्कार से ग्रामीणों में हाहाकार मच गयी। पर सभी लोग विधाता के आगे बेबस और लाचार थे।
बताते चलें कि एक वर्ष पूर्व प्रिंस के पिता कपिल मौर्य 43 वर्ष की उम्र में ही किडनी की बीमारी के शिकार हो गये। उनके इलाज में परिवार आर्थिक रूप से टूट गया। फिर भी कपिल को बचाया न जा सका। कपिल के असमायिक निधन से सदमें की शिकार उनकी विधवा विंध्यवासिनी पर दो बेटों एवं एक बेटी के भरण पोषण और उनकी पढ़ाई का बोझ आन पड़ा।
धीरे धीरे समय गुजरने के साथ विंध्यवासिनी बेटे प्रिंस व कृष्णा तथा पुत्री प्रिया का पालन पोषण करते उनकी पढ़ाई लिखाई करने में जुट गयी। 11 वीं में पढ़ रहे बड़े बेटे प्रिंस में परिवार का भविष्य देख रही विंध्यवासिनी का सपना वृहस्पतिवार को चूर चूर हो गया। प्रिंस की मौत की जानकारी मिलते ही विंध्यवासिनी के दहाड़े मारकर रोते देख गांव वालों का कलेजा मुंह को आने लगा। उसके करूण क्रंदन से सभी के आंखों में आंसू आ गये।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अखिलेश पाण्डेय ने बताया कि विपत्ति के पहाड़ तले दब चुकी बेसहारा विंध्यवासिनी का मानो संसार ही उजड़ गया। उसकी आर्थिक दशा चिंताजनक है। इस परिवार की मदद के लिए समाज के सक्षम लोगों को आगे आने की आवश्यकता है। उन्होने शासन और प्रशासन से विंध्यवासिनी को आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की है।
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